तीन बच्चियों की मौत के बदले मुआवजा, क्या इतना काफी है?… Bilaspur Express न्यूज़

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Bilaspur Express न्यूज़, सेंदरी में अवैध रेत उत्खनन की वजह से बने गढ्ढे में समा कर सेंदरी की रहने वाली 3 बच्चियां डूब कर मर गयी,इस मामले के बाद भड़के ग्रामवासियों ने तीनों बच्चियों के शव को बीच रोड में रखकर चक्काजाम कर दिया,करीब 1 घण्टे तक हाइवे को जाम कर दिया गया जिस वजह से रतनपुर- रायपुर मार्ग जाने वाली गाड़ियों की लाइन लग गयी,लोग मांग करते रहे कि सेंदरी में संचालित अवैध रेत उत्खनन बंद हो काफी समझाइश के बाद वहां से तीनों बच्चियों के शव को हटाकर यातायात ठीक किया गया,इस दौरान जिन परिवार की बच्चियों की मौत हुई थी उनके परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था मगर उनका दर्द समझ सके ऐसा कोई भी प्रशासन का व्यक्ति मौजूद नही था।

 

आखिर कौन दे रहा है रेत के खेल में गुनहगारों का साथ….

यह सवाल उठना लाजमी है कि बड़े पैमाने में अवैध रेत उत्खनन के बाद भी किसके शय पर कार्रवाई नही हो रही थी बताया जा रहा है कि खनिज विभाग में मोटा माल दिया जाता है और नाम मात्र कार्रवाई के लिए महीने दो महीने चार छ ट्रेक्टर पकड़कर कार्रवाई कर लीपा पोती कर दिया जाता है, इससे खनिज विभाग अपने कार्यवाही की वाहवाही लूट लेती है और रेत माफियाओं को सुरक्षा भी प्रदान कर देती है।

 

कौन है रेत का अवैध खनन माफिया?

यह बात काफी रोचक है कि आखिर किसके इशारे में सेंदरी में अवैध रेत खनन किया जा रहा है सूत्रों की माने ने तो इस मामले में खुला संरक्षण मिला है वहां के स्थानीय निवासी या ये कहे वहां फ़ोटो छपास नेता(छाया नेता) को जो अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर खुलेआम रेत की खुदाई कर रहा है और कई फिट गहरा गड्ढा बनाकर छोड़ दे रहा है जिस वजह से उस काल के गाल में वही के स्थानीय बच्चे डूबकर मर जा रहे हैं लेकिन वाह रे फ़ोटो छपास नेता अपना घर भरने के लिए दूसरों के घरों के चिराग को बुझा दे रहा है और बेशर्म बनकर उन बच्चों की मौत वाली जगह में जाकर घड़ियाली आंसू बहा रहा है, लेकिन कहते हैं ना अपना काम बनता और भाड़ में जाये जनता इन्ही को अपना उद्देश्य बनाकर चाचा- भतीजा कमाई कर सेंदरी के लोगो को कफ़न में लेटा रहे हैं, आखिर यह कफ़न का सिलसिला कब तक चलेगा और क्या इन्हें रोकने वाला नहीं है यह सवाल अब भी बना हुआ है…..

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