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Bilaspur Express न्यूज़, रायपुर। छत्तीसगढ़ में रायपुर की एक विशेष अदालत ने कथित कोयला लेवी घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में आरोपी कांग्रेस के दो विधायकों और सात अन्य आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी किया है।
विशेष लोक अभियोजक सौरभ कुमार पांडे ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले महीने चतुर्थ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में मामले में दूसरा पूरक आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें कांग्रेस विधायक देवेंद्र सिंह यादव और चंद्रदेव प्रसाद राय और आईएएस अधिकारी रानू साहू सहित 11 लोगों को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया था।
उन्होंने बताया कि विशेष अदालत ने शनिवार को दूसरा पूरक आरोपपत्र दर्ज किया और 11 आरोपियों में से नौ को नोटिस जारी किया, क्योंकि साहू और निखिल चंद्राकर को मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
नौ आरोपियों में विधायक यादव और राय के अलावा कांग्रेस नेता आर पी सिंह और विनोद तिवारी भी शामिल हैं।
पांडे ने कहा कि चूंकि इस मामले में लगाए गए धनशोधन रोधी अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 और 4 संज्ञेय और गैर-जमानती हैं, इसलिए सभी नौ आरोपियों को, जिन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, अग्रिम जमानत लेने की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा कि यदि वे सुनवाई के दौरान पेश नहीं होते हैं तो अदालत उनके खिलाफ जमानती या गैर-जमानती वारंट जारी कर सकती है।
ईडी की जांच कथित घोटाले से संबंधित है, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों के एक ‘कार्टेल’ द्वारा छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये प्रति टन की अवैध लेवी वसूली जा रही थी।
ईडी ने अपने दूसरे पूरक आरोपपत्र में आरोप लगाया कि घोटाले की अवधि के दौरान कोरबा जिले के कलेक्टर के रूप में कार्यरत रहे साहू ने सूर्यकांत तिवारी और उनके सहयोगियों द्वारा कोयला ट्रांसपोर्टर और जिला खनिज निधि (डीएमएफ) अनुबंधों से अवैध लेवी राशि के संग्रह में सुविधा प्रदान की और उनसे भारी रिश्वत प्राप्त की।
जांच एजेंसी ने दावा किया है कि भिलाई नगर से विधायक यादव को खैरागढ़ उपचुनाव (अप्रैल 2022 में) और अन्य राजनीतिक एवं व्यक्तिगत खर्चों के लिए कोयला ‘कार्टेल’ द्वारा उत्पन्न अपराध की आय से कथित तौर पर लगभग तीन करोड़ रुपये मिले थे।
ईडी के अनुसार, बिलाईगढ़ विधायक राय को चुनावी वित्तपोषण, राजनीतिक खर्च और व्यक्तिगत उपहारों के लिए कथित तौर पर 46 लाख रुपये मिले थे, जबकि कांग्रेस नेता तिवारी और सिंह को राजनीतिक और व्यक्तिगत खर्चों के लिए क्रमशः लगभग 1.87 करोड़ रुपये और 2.01 करोड़ रुपये मिले थे।
मामले में पहला आरोपपत्र पिछले साल नौ दिसंबर को दायर किया गया था, जिसमें आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, व्यवसायी सुनील अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी और उनके रिश्तेदार लक्ष्मीकांत तिवारी को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया था, सभी को ईडी ने पहले गिरफ्तार कर लिया था।