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Bilaspur Express न्यूज़ ,अपोलो अस्पताल में भर्ती पामगढ़ निवासी 23 वर्षीय एमबीबीएस छात्र की इलाज के दौरान मौत हो गई। पीलिया की वजह से उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। वहीं युवक की मौत के बाद पिता ने अपोलो अस्पताल पर गलत इलाज करने का आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि तरल दवा देने के लिए कलाई में जेलको लगाया गया था। वहीं, बुधवार की सुबह जांच के लिए ब्लड का सैंपल लिया गया और जेलको का ढक्कन बंद नहीं किए। इससे सारा खून बह गया और उसकी मौत हो गई। मूलत: जांजगीर-चांपा जिला अंतर्गत पामगढ़ निवासी 23 वर्षीय अमन खरे पिता परमेश्वर खरे को पीलिया होने के बाद शहर के मार्क हास्पिटल में भर्ती कराया गया था।
वहां चिकित्सक उसकी हालत गंभीर होने की बात कहते हुए वेंटीलेटर पर रखकर इलाज कर रहे थे, लेकिन उसमे सुधार नहीं हो रहा था। ऐसे में तीन दिन पहले वहां से डिस्चार्ज कर उसे अपोलो हास्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां भी वेंटीलेटर में रखकर इलाज किया जा रहा था। उसकी बुधवार की दोपहर मौत हो गई। मौत के बाद पिता परमेश्वर खरे का कहना है कि इलाज में पूरी तरह से लापरवाही की गई है।
ब्लड सैंपल लेने के बाद कलाई में लगी जेलको का ढक्कन ही बंद नहीं किया गया। इसकी वजह से अमर का खून धीरे-धीरे बहने लगा और इस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। शरीर में खून की कमी होने से उसकी मौत हुई है। इसे पूरे मामले में अपोलो अस्पताल के चिकित्सक व चिकित्सकीय स्टाफ द्वारा लापरवाही बरती गई है।
जमकर हुआ हंगामा
बुधवार की दोपहर जैसे ही अमन की मौत की खबर मिली, वैसे ही उसके स्वजन अस्पताल में हंगामा मचाने लगे। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन और मृतक के स्वजन के बीच जमकर विवाद हुआ। अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने शव ले जाने की बात कही। वहीं मामले में गलत उपचार होने की बात कहते हुए स्वजन पोस्टमार्टम कराने की बात पर अड़ गए। इसके बाद सरकंडा थाने में इसकी सूचना दी गई। अब आरोप को देखते हुए अमन के शव का पीएम कराया जाएगा। इससे मौत की वास्तविक वजह सामने आ सकेगी।
एमबीबीएस का छात्र था अमन अमर खरे
यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। लेकिन, रूस और यूक्रेन में जंग छिड़ने के बाद अमन भारत वापस आ गया और पामगढ़ में अपने परिवार के साथ रहने लगा। वह कुछ दिनों पहले पीलिया से पीड़ित हुआ था।
इन का कहना है
आरोप बेबुनियाद अपोलो हास्पिटल के पीआरओ देवेश गोपाल का कहना है कि खून बहने वाली कोई बात नहीं हुई है। मरीज के बेड के नीचे खून बिखरे होने वाला वीडियो जो प्रसारित हो रहा है, वह बुधवार का नहीं है। बल्कि तीन दिन पुराना है। जब उसे एडमिट किया गया था, उस समय जेलको लगाया गया था। खून बहने से मौत नहीं हुई है। युवक की हालत गंभीर थी। पीलिया की वजह से वह पहले से ही वेंटीलेटर पर चल रहा था। बीमारी की वजह से मौत हुई है आरोप निराधार है।