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Bilaspur Express न्यूज़, छत्तीसगढ़ में कल (1 नवंबर) से सरकारी धान खरीदी शुरू हो रही है। राज्य के किसानों के लिए यह किसी तिहार (त्योहार) से कम नहीं है। इस बार पहले ही दिन से धान बेचने वालों की कतार लंबी हो गई है।
सरकारी खरीदी केंद्रों में धान बेचने के लिए आज से टोकन कटना शुरू हुआ। ऑन लाइन (मोबाइल एप) और ऑफ लाइन (समिति) दोनों तरीके से टोकन काटे जा रहे हैं। आज 20 जिलों की एक हजार समितियों में टोकन कटा है। पहले दिन धान बेचने के लिए कुल 8 हजार 157 टोकन कटा है। इसमें सबसे ज्यादा धमतरी में 1775 किसानों ने टोकन लिया है। इन 18 हजार से ज्यादा टोकनों से किसान करीब 3 लाख क्विंटल से ज्यादा धान बेचेंगें।
बताते चले कि इस बार सरकार ने 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान खरीदी करने की घोषणा की है। अभी तक यह लिमिट 15 क्विंटल प्रति एकड़ था। सरकार ने इस बार 125 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। इस बार धान कामन के लिए निर्धारित समर्थन मूल्य 2183 रुपये और ग्रेड ए धान के लिए 2203 रुपये प्रति क्विंटल है।
पहले दिन ही खरीदी केंद्रों में भरपूर आवक
खाद्य विभाग के शीर्ष अफसरों ने बताया कि प्रदेश के धान खरीदी केंद्रों में कल पहले दिन 3 लाख क्विंटल से ज्यादा धान पहुंचेगा। इनमें अकेले धमतरी के 95 खरीदी केंद्रों में 58661 क्विंटल धान पहुंचेगा, क्योंकि सबसे ज्यादा टोकन इसी • जिला में कटा है। जानकारों के अनुसार इस वर्ष 12 नवंबर को दिवाली है इसी वजह से धान खरीदी केंद्रों में भरपूर आवक रहेगी। ज्यादातर किसान त्योहार से पहले ही धान बेचने का प्रयास करेंगे। धान छत्तीसगढ़ की सबसे प्रमुख फसल है और किसानों की आय का सबसे बड़ा जरिया भी है।
धान खरीदी में 1001 का संयोग
पहले दिन की धान खरीदी में 1001 का शुभ संयोग जुड़ गया है। प्रदेश में आज 20 जिलों में किसानों ने धान बेचने के लिए टोकन कटाया। धमतरी के बाद सबसे ज्यादा बालोद 1382 किसानों ने टोकन लिया है। महासमुंद में 1233, रायपुर में 833, गरियाबंद में 790 और राजनांदगांव 561 टोकन शामिल है। 20 जिलों में कटे इन टोकनों का जोड़ 1001 है। यानी पहले दिन के लिए कुल 1001 टोकन कटा है।
अतिरिक्त लाभ को लेकर किसान आश्वस्त
प्रदेश की मौजूदा सरकार किसानों को धान पर प्रति एकड़ 9 हजार रुपये इनपुट सब्सिडी (बोनस) देती है। यह पैसा किसानों को बाद में किस्तों में मिलता है, जबकि धान का समर्थन मूल्य बेचने के चार दिन के भीतर किसानों के बैंक खातों में पहुंच जाता है। इस बार किसान पूरी तरह आश्वस्त हैं कि सरकार जिसकी भी आए अतिरिक्त लाभ मिलेगा ही। इसी वजह से किसान बेफिक्र होकर धान बेचने की तैयारी में है। बता दें कि 2018 में चुनाव के पहले कांग्रेस ने धान पर बोनस देने की घोषणा की थी। इसकी वजह से चुनाव के दौरान किसानों ने धान बेचना बंद कर दिया था। हालांकि कांग्रेस की तरफ से यह बात स्पष्ट किया गया कि सरकार बनी तो सभी किसानों की बोनस का लाभ मिलेगा।
फिलहाल बायोमेट्रिक जरुरी नहीं
केंद्र सरकार ने इस वर्ष समर्थन मूल्य (एमएसपी) धान बेचने के लिए बायोमेट्रिक अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए पंजीयन के दौरान किसानों का आधार नंबर भी लिया गया है। छत्तीसगढ़ के किसानों फिलहाल बिना बायोमेट्रिक के भी धान बेच सकेंगे। इस संबंध में खाद्य सचिव ने सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर दिया है। खाद्य विभाग के अफसरों के अनुसार बायोमेट्रिक मशीन की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस वजह से भारत सरकार से राहत मांगी गई थी। इस पर भारत सरकार ने कुछ दिनों की राहत दे दी है।
जानिए… पहले दिन धान बेचने के लिए किस जिला में किनते किसानों ने कराया पंजीयन