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Bilaspur Express न्यूज़, उत्तराखंड पुलिस की ओर से अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद दक्षिणपंथी संगठन देवभूमि रक्षा अभियान का कहना है कि इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। वह ऋषिकेश मजार मुक्त बना देगा।
उत्तराखंड में दक्षिणपंथी संगठन देवभूमि रक्षा अभियान के कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है। यह मामला एक दलित परिवार को कथित तौर पर ऋषिकेश में उनकी संपत्ति पर बनाई गई ‘मजार’ को ध्वस्त करने की धमकी दिए जाने के आरोप में दर्ज की गई है। इस मसले पर देवभूमि रक्षा अभियान कहा कि एफआईआर दर्ज किए जाने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उसके कार्यकर्ता ऋषिकेश में सभी ‘मजारों को ध्वस्त कर देंगे और इसे मजार-मुक्त बना देंगे। सनद रहे देवभूमि रक्षा अभियान ने पूर्व में ‘मजार’ को ध्वस्त करने के प्रयास की जिम्मेदारी ली थी।
देवभूमि रक्षा अभियान के संस्थापक स्वामी दर्शन भारती ने कहा- ऋषिकेश में सैकड़ों मजारें हैं। ये मजारें हिंदुओं द्वारा अपनी संपत्तियों पर बनाई गई हैं। हम उनकी सहमति से 25 से 30 मजारें तोड़ चुके हैं। हम हिंदू भाइयों को समझाने की कोशिश करते हैं कि वे हिंदू होने के नाते इस्लाम को बढ़ावा ना दें। हमारा लक्ष्य ऋषिकेश मजार को मुक्त बनाना है। एफआईआर हमें ऋषिकेश में मजारों को ध्वस्त करने के लक्ष्य को हासिल करने से नहीं रोक पाएगी। अवैध रूप से निर्मित मजारों के खिलाफ वन विभाग की कार्रवाई पर्याप्त नहीं है।
देवभूमि रक्षा अभियान के प्रमुख स्वामी दर्शन भारती ने कहा- एफआईआर हमें ऋषिकेश में मजारों को ध्वस्त करने के अपने उद्देश्य को हासिल करने से नहीं रोक पाएगी। अवैध रूप से निर्मित मजारों के खिलाफ वन विभाग द्वारा की गई कार्रवाई पर्याप्त नहीं थी । वन विभाग ने अब तक अपनी जमीन पर अवैध रूप से बनी केवल 450 मजारों को तोड़ा है। वन विभाग की यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। वन विभाग ने अवैध रूप से निर्मित मजारों को तोड़ने के मामले में 25 फीसदी लक्ष्य भी हासिल नहीं कर पाया है।
बता दें कि ऋषिकेश में एक दलित परिवार की संपत्ति पर बनाई गई ‘मजार’ को ध्वस्त करने की धमकी दिए जाने के संबंध में धारा 147 (दंगा ), 295 (किसी भी धर्म के पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना), 504 (शांति भंग) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने ऋषिकेश पुलिस स्टेशन में 14 सितंबर की शाम को चंद्र भूषण शर्मा एवं 8-10 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आरोपियों पर 506 (आपराधिक धमकी) और एससी/एसटी अधिनियम से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं।
घटना 7 सितंबर को हुई थी। एफआईआर में कहा गया है कि पुलिस को घटना के बारे में 14 सितंबर को सूचना मिली लेकिन शिकायतकर्ता ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि उसने घटना के दिन ही पुलिस से संपर्क किया था। ऋषिकेश पुलिस स्टेशन के प्रभारी केआर पांडे ने कहा- मामले की जांच चल रही है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। सनद रहे इस साल जून में उत्तरकाशी के पुरोला में मुस्लिम विरोधी पोस्टर चिपकाने के मामले में भी देवभूमि रक्षा अभियान (Devbhoomi Raksha Abhiyan) की भूमिका पुलिस जांच के दायरे में आई थी।