ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-तुर्की-अजरबैजान संबंधों में तनाव, व्यापार और पर्यटन पर पड़ा असर जाने क्या क्या होता है आयत निर्यात

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Bilaspur Express न्यूज़, नई दिल्ली – भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तुर्की और अजरबैजान के साथ भारत के संबंधों में कड़वाहट देखने को मिल रही है। तुर्की और अजरबैजान द्वारा इस ऑपरेशन की आलोचना करने और पाकिस्तान का पक्ष लेने के चलते भारत में इन दोनों देशों के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है।

देशभर में तुर्की और अजरबैजान के सामानों और पर्यटन का बहिष्कार करने की मांग तेज हो गई है। बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटकों ने इन देशों की यात्रा स्थगित कर दी है और अपने टिकट रद्द करवा लिए हैं। ऑनलाइन यात्रा मंच ईज़माईट्रिप और इक्सिगो ने भी इन देशों की यात्रा को लेकर परामर्श जारी किया है। साथ ही भारतीय व्यापारियों ने तुर्की से आने वाले सेब, संगमरमर और अन्य उत्पादों का बहिष्कार शुरू कर दिया है।

 

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

 

7 मई को भारत ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान और PoK में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इस दौरान पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में तुर्की के ड्रोनों का उपयोग करने का प्रयास किया, जो विफल रहा।

 

व्यापारिक संबंधों पर असर

तुर्की को भारत का निर्यात:

2023-24: 6.65 अरब डॉलर

2024-25 (अप्रैल से फरवरी): 5.2 अरब डॉलर

भारत के कुल निर्यात में हिस्सेदारी: 1.5%

 

अजरबैजान को भारत का निर्यात:

2023-24: 8.96 करोड़ डॉलर

2024-25 (अप्रैल से फरवरी): 8.60 करोड़ डॉलर

भारत के कुल निर्यात में हिस्सेदारी: 0.02%

 

तुर्की से भारत का आयात:

2023-24: 3.78 अरब डॉलर

2024-25 (अप्रैल से फरवरी): 2.84 अरब डॉलर

भारत के कुल आयात में हिस्सेदारी: 0.5%

 

अजरबैजान से भारत का आयात:

2023-24: 7.4 लाख डॉलर

2024-25 (अप्रैल से फरवरी): 19.3 करोड़ डॉलर

भारत के कुल आयात में हिस्सेदारी: 0.0002

किन वस्तुओं का होता है व्यापार?

भारत से तुर्की को निर्यात: खनिज ईंधन, विद्युत उपकरण, वाहन कलपुर्जे, फार्मा उत्पाद, कपास, रंगाई की वस्तुएं, लोहा-इस्पात आदि।

तुर्की से भारत को आयात: संगमरमर, सेब, सोना, सब्जियां, खनिज तेल, रसायन, चूना-सीमेंट आदि।