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Bilaspur Express न्यूज़, बिल्हा विकासखंड में कलेक्टर द्वारा जारी सख्त प्रतिबंध के बावजूद अवैध बोर खनन बेरोकटोक जारी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस गैरकानूनी गतिविधि में स्थानीय पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।
आदेश की अनदेखी, पुलिस पर रिश्वतखोरी के आरोप
7 अप्रैल 2025 को बिलासपुर कलेक्टर ने जिले में बिना अनुमति के बोर खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। इस आदेश में साफ निर्देश दिए गए थे कि केवल अधिकृत एजेंसियां ही अनुमति प्राप्त कर खनन कार्य कर सकती हैं। बावजूद इसके, बिल्हा क्षेत्र में रात के अंधेरे में बोर मशीनें लगातार धरती का सीना चीर रही हैं।
सूत्रों की मानें तो पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी प्रति रात 10 हजार रुपये की रिश्वत लेकर खनन माफियाओं को खुली छूट दे रहे हैं। एक ग्रामीण ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “हमने कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पुलिस वाले खुद इस धंधे को चला रहे हैं।”
भूजल और पर्यावरण पर मंडरा रहा खतरा
अवैध बोर खनन से न केवल भूजल स्तर में भारी गिरावट आ रही है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी बिगड़ रहा है। कलेक्टर के आदेश में भूजल संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई गई थी, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति इसके उलट है।
जनता ने उठाई जांच की मांग
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि जब कलेक्टर का आदेश इतना स्पष्ट है, तो इसकी अवहेलना पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से यह अवैध धंधा फल-फूल रहा है?