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Bilaspur Express न्यूज़ , टीएस सिंहदेव को कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री बना दिया है। इसके बाद सिंहदेव ने कहा कि रोटेशनल सीएम को लेकर कोई बात नहीं हुई थी। बता दें कि इसी मुद्दे पर चार साल भुपेश बघेल के साथ तनाव रहा।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही बड़ा फैसला करते हुए कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दे दी है। अब चर्चा यह भी हो रही है को टीएस ऐप पर पढ़ें मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी बनाया जा सकता है या फिर बघेल और सिंहदेव के बीच अलग-अलग अवधि के लिए मुख्यमंत्री पद का बंटवारा किया जा सकता है। हालंकि सिंहदेव ने इस तरह के कयासों को खारिज किया है और कहा कि रोटेशनल सीएम को लेकर कभी बातचीत नहीं हुई ।
सिंहदेव ने कहा, यह केवल अफवाह है। हमने रोटेशनल सीएम को लेकर कभी बात नहीं की। हाई कमान ने जो जिम्मेदारी दी है उसका निर्वहन करना है। उन्होंने कहा, एक उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी होती है कि एक भाई के रूप में सबको साथ लेकर चलना बाकी विभागीय काम देखने होते हैं। उन्होंने सीएम भूपेश बघेल को लेकर कहा, हम साथ में ही काम कर रहे थे और करते रहेंगे।
बता दें कि 2018 में विधानसभा चुनाव के वक्त भी टीएस सिंहदेव का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे बताया जा रहा था। हालांकि यह जिम्मेदारी भूपेश बघेल दे दी गई। नई दिल्ली से रायपुर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद उन्होंने कहा, देर आए दुरुस्त आए। बता दें कि सिंहदेव और भूपेश बघेल के बीच अकसर खींचतान देखने को मिलती थी। दावा किया जाता था कि छत्तीसगढ़ में जीत के बाद रोटेशनल सीएम को लेकर सहमति बनी थी लेकिन उसे लागू नहीं किया गया।
बता दें कि 2018 में विधानसभा चुनाव के वक्त भी टीएस सिंहदेव का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे बताया जा रहा था। हालांकि यह जिम्मेदारी भूपेश बघेल दे दी गई। नई दिल्ली से रायपुर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद उन्होंने कहा, देर आए दुरुस्त आए। बता दें कि सिंहदेव और भूपेश बघेल के बीच अकसर खींचतान देखने को मिलती थी। दावा किया जाता था कि छत्तीसगढ़ में जीत के बाद रोटेशनल सीएम को लेकर सहमति बनी थी लेकिन उसे लागू नहीं किया गया।
बघेल हमेशा इस पावर शेयरिंग के फार्मुले को रिजेक्ट करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का समझौता कभी नहीं हुआ था। हालांकि कांग्रेस का यह कदम विधानसभा चुनाव से पहले आपसी खींचतान को खत्म करवाने की पहले के रूप में देखा जा रहा है।
छत्तीसगढ़ की सियासत में टीएस सिंहदेव का दबदबा माना जाता है। कांग्रेस ने अंदरूनी कलह को खत्म करने के लिए उन्हें जिम्मेदारी दी है। रमन सिंह सरकार के विरोध में मजबूत आवाज उठाने वालों में सिंहदेव शामिल थे। विधनसभा चुनाव में कांग्रेस को 90 में से 68 सीटों पर जीत मिली थी जिसमें सिंहदेव की बड़ी भूमिका मानी जाती है।